Hi friends! वर्ष 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं और ‘दिशोम गुरु‘ शिबू सोरेन के सुपुत्र Hemant Soren झारखंड के नए मुख्यमंत्री बने हैं। झारखंड गठन के 19 वर्ष में यह 11वीं सरकार है।
हेमंत सोरेन 29 दिसंबर, 2019 को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए। इससे पहले ये 532 दिन (13 जुलाई 2013 से 27 दिसंबर 2014) तक मुख्यमंत्री का कार्यभार सम्भाल चुके हैं। और आज फिर हेमंत सोरेन झारखंड की राजनीति के शिखर पर हैं।
लेकिन यह राजनीतिक यात्रा इतनी आसान नहीं थी। तो आज मैं आपको Hemant Soren Biography in Hindi के बारे में बताने जा रहा हूँ कि हेमंत जी ने आख़िर किस तरह राजनीति में अपना कदम रखा और यहाँ तक पहुँचे।
Jharkhand Chief Minister Hemant Soren
Full Name | Hemant Soren |
Father’s Name | Shibu Soren |
Mother’s Name | Rupi Soren |
Date of Birth | 10 August, 1975 |
Age | 45 |
Birth Place | Nemra, Ramgarh (Jharkhand) |
Political Party | Jharkhand Mukti Morcha (JMM) |
Wife’s Name | Kalpana Soren |
House Address | Harmu Housing Colony B-type, PO-Doranda, Thana-Argora Dist. Ranchi, Jharkhand * |
Contact Number | 9431106949 |
Email ID | [email protected] |
Office Address | Jharkhand CMO Ranchi |
9th CM Tenure | 13 July, 2013 to 27 December, 2014 |
Jharkhand’s 11th CM | 29 December, 2019 to …… |
Hemant Soren Biography in Hindi (हेमंत सोरेन की जीवनी)
हेमंत सोरेन का जन्म 10 अगस्त, 1975 को झारखंड के रामगढ़ ज़िले के नेमरा गाँव में हुआ। वह झारखंड अलग राज्य आंदोलन के अगुवा व झामुमो के अध्यक्ष शिबू सोरेन के दूसरे पुत्र हैं। माता का नाम रूपी सोरेन हैं।
बचपन और पढ़ाई
हेमंत का बचपन बोकारो में बीता। उनकी प्रारम्भिक शिक्षा बोकारो सेक्टर-4 स्थित सेंट्रल स्कूल से हुई। उनके करीबी बताते हैं कि स्कूल में भी दोस्तों के साथ वह खूब मस्ती किया करते थे। बोकारो की सड़कों पर बेपरवाह साइकिल चलाते थे।
1989 में हेमंत सोरेन ने पटना के एमजी हाई स्कूल में 10वीं कक्षा में दाख़िला लिया। पटना से ही उन्होंने मैट्रिक की पढ़ाई की। 1990 में उन्होंने बोर्ड की परीक्षा पास की।
इसके बाद पटना विश्वविद्यालय से आइएससी 1994 में किया। इसके बाद हेमंत ने बीआइटी मेसरा में इंजीनियरिंग में दाख़िला लिया। वह बीआइटी मेसरा के हॉस्टल में ही रहते थे। बीआइटी मेसरा के अनुशासन का पालन करते थे। उन्होंने कभी ज़ाहिर नहीं होने दिया कि झारखंड की माँग करनेवाले एक शक्तिशाली नेता शिबू सोरेन के वह पुत्र हैं।
हेमंत सोरेन का राजनीतिक सफ़र
पढ़ाई पूरी करने के बाद हेमंत कुछ ख़ास कर नहीं रहे थे। इसी दौरान उन्होंने 2003 में झामुमो (झारखंड मुक्ति मोर्चा) के छात्र विंग झामुमो छात्र संघ के अध्यक्ष का कार्यभार सम्भाला। छात्र विंग का गठन उन्होंने राज्य के हर ज़िले में किया।
छात्र राजनीति में रहते हुए ही वर्ष 2005 में वह दुमका सीट से विधानसभा चुनाव लड़े, पर झामुमो के ही उस दौरान बाग़ी उम्मीदवार स्टीफ़न मरांडी से हार गए। उस समय हेमंत तीसरे स्थान पर थे।
हेमंत सोरेन का विवाह, पत्नी और बच्चे
इसी दौरान सात फ़रवरी 2006 को वह विवाह के बंधन में बंध गए। हेमंत की पत्नी कल्पना सोरेन हैं। वह भी इंजीनियर है। तो आज राँची में फ़र्स्ट मार्क स्कूल की संचालिका हैं।
हेमंत के दो पुत्र है। 10 वर्षीय विश्वजीत और छह वर्षीय नीतिन। फिर 24 जून 2009 को वह रजयसभा सांसद चुने गए।
बड़े भई के निधन के बाद सम्भाली विरासत
वर्ष 2009 में हेमंत सोरेन के बड़े भई दुर्गा सोरेन का निधन हो गया। इधर बड़े पुत्र के निधन के बाद शिबू सोरेन काफ़ी दुखी रहते थे। तब हेमंत ने उन्हें सहारा दिया। राजनीति की बागडोर हेमंत सम्भालने लगे।
जब दिसम्बर 2009 में विधानसभा चुनाव हुआ, तो वह दुमका विधानसभा सीट से चुनाव लड़े और भाजपा की लूइस मरांडी और स्टीफ़न मरांडी जैसे दिग्गजों को हरा कर विधानसभा पहुँचे।
हेमंत के प्रयास से ही झामुमो के नेतृत्व में भाजपा के समर्थन से सरकार बनी। शिबू सोरेन मुख्यमंत्री बने। तब हेमंत ने कोई पद नहीं लिया था। भाजपा द्वारा समर्थन वापस ले लिए जाने के कारण शिबू सोरेन की सरकार गिर गयी।
उप-मुख्यमंत्री और फिर मुख्यमंत्री बने
इसके बाद फिर हेमंत सोरेन सक्रिय हुए। उनके प्रयास से ही दोबारा भाजपा के साथ गठबंधन हुआ। इस बार मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा बने और हेमंत सोरेन उप मुख्यमंत्री बने।
सत्ता में यह उनका पहला अनुभव था। उनके हाथों में वित्त मंत्रालय जैसा विभाग था। पर हेमंत ने बखूबी अपनी ज़िम्मेवारियों को निभाया। भाजपा के साथ गठबंधन जनवरी 2013 में आकर टूट गया।
एक बार फिर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा। फिर भी हेमंत इस मुहिम में लगे रहे कि राज्य में राष्ट्रपति शासन समाप्त कर लोकतांत्रिक सरकार का गठन हो। दिल्ली में वह कई बार कांग्रेस के नेताओं से मिले। फिर 13 जुलाई 2013 को वह झारखंड के मुख्यमंत्री बने। गठबंधन में सरकार चली।
दिसम्बर 2014 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनी। उस चुनाव में हेमंत सोरेन बरहेट और दुमका सीट से चुनाव लड़े थे। पर दुमका सीट वह हार गए थे। हालाँकि बरहेट से वह विधायक बने। हेमंत नेता प्रतिपक्ष बने।
इन पाँच सालों में उन्होंने पार्टी का विस्तार किया। जिसका परिणाम है कि आज झामुमो 30 सीट जीत कर आयी और सरकार बनायी है। जिस दुमका सीट को वह हार गए थे, वर्ष 2019 में उसी सीट को वापस जीता।
हेमंत सोरेन आज भी राजनीतिक मामलों में पिता शिबू सोरेन से राय लेकर ही कोई कदम बढ़ाते हैं। 23 दिसम्बर को जब चुनाव का रिज़ल्ट आ रहा था, हेमंत अपने पिता के घर में उनके पास बैठ कर राय-मशविरा कर रहे थे।
Conclusion: Hemant Soren Biography in Hindi
तो फ़्रेंड्स, बस यही है हमारे आज के झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन की जीवन गाथा। मुझे आशा है कि इनके इस जीवन यात्रा से आपको काफ़ी कुछ सिखने को मिला होगा और हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हेमंत जी झारखंड के विकास में कार्यरत रहेंगे।
इस जीवनी में यदि आप कुछ और जानकारी जोड़ना चाहते हैं, तो आप नीचे Comment कर सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप इसी तरह के और भी Great Personalities Biography in Hindi पढ़ना चाहते हैं, तो आप हमें follow कर सकते हैं।
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