Bluetooth Headphone/Earphone ke Nuksan
Hi friends! क्या आपको पता है कि Bluetooth Headset या Earphone ke Nuksan क्या-क्या हो सकते हैं? अगर आप भी अपने स्मार्टफ़ोन में लम्बे समय तक ईरफ़ोन/हैडफ़ोन लगाकर तेज आवाज में गाने सुनते हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि ऐसा करना खतरनाक हो सकता है.
United Nations द्वारा कराई गई एक अध्ययन के मुताबिक, स्मार्टफ़ोन से लगातार गाने सुनने से करीब एक अरब लोगों को बहरेपन का खतरा है. और यह आपके साथ भी हो सकता है. अब आप भी यह सोच रहे होंगे कि Earphone me Full Volume Music Kitna Time Sunna Chahiye?
तो आज मैं आपसे इसी विषय पर बात करने जा रहा हूँ कि Headphone/Earphone ke Nuksan क्या हो सकते हैं? अगर आप भी Disadvantages of Bluetooth Headsets in Hindi के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़ें.
Benefits of Music vs Bluetooth Headphones
फ्रेंड्स, Earphone ke Nuksan के बारे में बात करने से पहले हम थोडा संगीत (Music) के बारे में जानते हैं कि म्यूजिक किस तरह प्रचलन में आया और किस प्रकार हम earphones/headphones तक पहुँच गए.
Music हर दौर में रहा है और आगे भी रहेगा. कभी दरबार में, तो कभी मंच पर इसे सुना जाता रहा है. जब इलेक्ट्रॉनिक युग आया तो Gramophone, Tape Recorder और Radio से गाने सुने जाने लगे.
फिर डेक, वाकमेन और MP3 Player आया, लेकिन आज तो बस मोबाइल ही काफी है. एक फ़ोन में हज़ारों गाने सेव होते हैं. बस ईरफ़ोन या हैडफ़ोन लगाया और मस्ती में गुनगुनाते चले गए.
यहाँ तक तो सुनने में काफी अच्छा लगता है, परन्तु इसके बाद जो बातें होती हैं वह काफी भयावह है. रास्ते में हैडफ़ोन लगाकर संगीत सुनने के चक्कर में कई लोग अब तक दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. बहुतों को तो अपनी जान तक गंवानी पड़ी है.
इतना ही नहीं, ड्राइविंग के दौरान भी लोग हैडफ़ोन का उपयोग करते हैं, यह भी बेहद खतरनाक है. यह काफी अच्छी बात है कि तकनीक अब विकसित हो गया है; लेकिन अगर आप इसका अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं तो Earphone ke Nuksan आपको खुद-ब-खुद पता चल जाएगा.
Earphone ke Nuksan: UN Report
United Nations की एजेंसियों द्वारा की गई स्टडी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्मार्टफ़ोन में म्यूजिक सुनने और लगातार तेज आवाज के संपर्क में रहने की वजह से दुनियाभर के करीब एक अरब से ज्यादा लोगों पर बहरेपन का खतरा है.
UN की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन लोगों को इस भयानक बीमारी का खतरा है, उनकी उम्र 12 से 35 वर्ष के बिच है. World Health Organization (WHO) के मुताबिक, hearing loss की समस्या के चलते दुनियाभर में 75 करोड़ डॉलर खर्च होने का अनुमान है.
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WHO Report: Earphone ke Nuksan
WHO के कुछ तकनिकी अधिकारीयों की मानें, तो दुनियाभर के एक अरब से ज्यादा युवाओं को स्मार्टफ़ोन पर तेज गाना सुनने में आनंद आता है.
वे इसके लिए earphone या headphone का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इससे वह बहरेपन का शिकार हो सकते हैं या उनकी सुनने की ताकत कम हो सकती है.
अगर बहरेपन का शिकार होने से बचना है, तो स्मार्टफ़ोन में दी गई guidelines को जरुर फॉलो करना चाहिए. इसके अलावा, आप बहरेपन का शिकार होने से बचने के लिए ऐसी डिवाइस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जिसमें Automatic Volume Control की सुविधा हो. काम में तेज आवाज होने पर यह खुद ही कम हो जाए.
Market of Earphone/Headphone/Bluetooth Headsets
अगर आपको मालूम न हो, तो मैं बताना चाहूँगा कि ईरफ़ोन का बाजार बहुत बड़ा है. Research & Market द्वारा हाल में जारी एक सर्वे के अनुसार ईरफ़ोन और हैडफ़ोन का वैश्विक बाजार 2024 तक 36 अरब डॉलर का हो जाएगा.
2018 से लेकर 2024 तक यह बाजार 13 फीसदी वार्षिक की दर से बढ़ रहा है. आप खुद भी अनुमान लगा सकते हैं कि अगर आपके घर में कोई युवा है, तो जरुर उसके पास कोई शानदार हैडफ़ोन होगा.
यह काफी संगठित बाजार है, इसमें Apple, Bose, Sony, Samsung, Senheiser और Skullcandy जैसे player की भागीदारी काफी बड़ी है.
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि मोबाइल डिवाइस में बढ़ते म्यूजिक और वीडियो की क्रेज की वजह से हैडफ़ोन बाजार में काफी तेजी देखने को मिली है. इसके साथ ही लोग headphone और earphone का उपयोग भी खूब कर रहे हैं.
खास बात यह कही जा सकती है कि फ़ोन के साथ म्यूजिक डिवाइस में भी High-definition Sound का उपयोग काफी ज्यादा हो रहा है. लगभग हर earphone में High Decibel Waves होते हैं, इस तरह Earphone ke Nuksan भी काफी ज्यादा होने वाले हैं.
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Hearing Capacity of Humans in Hindi
इंसानों में आवाज सुनने की एक क्षमता होती है, जिसे डेसिबेल (Decibel) में बांटा गया है. Humans 0 से 140 डेसिबेल तक की आवाज को सुन सकते हैं.
पटाखों से जो आवाज होती है, वह 150 डेसिबेल के बराबर होती है, जिससे सुनना मुश्किल होता है. इसी तरह सड़क बनाने के क्रम में jackhammer, जिसे बड़ी ड्रिल मशीन कहते हैं, की आवाज को अधिकतम एक सेकंड तक सुन सकते हैं. इससे 130 डेसिबेल तक की आवाज आती है. एक सेकंड से ज्यादा सुनने पर यह नुकसानदेह हो सकती है.
Bar या Disco में भी आवाज काफी तेज यानी लगभग 110 डेसिबेल तक होती है. वहीं full volume में हैडफ़ोन से भी 105 डेसिबल तक आवाज आती है.
डेढ़ मिनट से ज्यादा 110 डेसिबल तक का म्यूजिक सुनना नुकसानदेह है. वहीं 6 मिनट तक 105 डेसिबल तक की आवाज सुनने से आपके कान थक जाते हैं. इसके बाद आपको नुकसान हो सकता है.
आपको शायद मालूम नहीं कि जो भरी आवाज वाली बीके होती है, उससे भी 95 डेसिबल तक की आवाज आती है और यदि इसे आप 50 मिनट से ज्यादा सुनते हैं, तो भी कान ख़राब होने का खतरा होता है.
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High Sound Earphone ke Nuksan
ऐसे में अब तक आप समझ गए होंगे कि म्यूजिक सुनने से खतरा नहीं है, बल्कि तेज आवाज headphone या रेस्टोरेंट/बार में म्यूजिक सुनना खतरे का निमंत्रण देना है.
इसे इस तरह भी समझ सकते हैं कि जब आप किसी से बात करते हैं, तो वह लगभग 60 डेसिबल पर होता है. इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता. आप घंटों बात कर सकते हैं.
इसी तरह 85 डेसिबल में आप 8 घंटे तक म्यूजिक सुन सकते हैं. हालाँकि हमेशा 85-90 डेसिबल से अधिक आवाज में गाने नहीं सुनना चाहिए. आमतौर पर कान 65 डेसिबल की ध्वनि को ही सहन कर सकता है, पर earphone पर अगर 90 डेसिबल की ध्वनि 40 घंटे से ज्यादा सुनी जाए, तो कान की नसें पूरी तरह डेड हो सकती हैं.
ईरफ़ोन के लगातार इस्तेमाल से सुनने की क्षमता 40 से 50 डेसिबल तक कम हो जाती है. कान का पर्दा vibrate होने लगता है. दूर की आवाज सुनने में परेशानी होने लगती है.
यहाँ तक कि बहरापन भी हो सकता है. इसलिए जब भी ईरफ़ोन या फिर हैडफ़ोन का इस्तेमाल करें, तो Headphone/Earphone ke Nuksan को ध्यान में रखकर आवाज तय सीमा से अधिक नहीं रखनी चाहिए.
Conclusion: Headphones/Earphone ke Nuksan
तो फ्रेंड्स! बस यही है Disadvantages of High Volume Sound Headphones in Hindi. मुझे आशा है कि आपको यह आर्टिकल Bluetooth Headsets Using Guide अच्छा लगा होगा. और अब आपको यह भी अच्छी तरह से पता चल गया होगा कि Earphone ke Nuksan Kya Ho Sakte Hai?
Headphone me Full Volume Music Kitna Time Sunna Chahiye? Earphone ke Nuksan से सम्बंधित अगर आपके मन में किसी भी तरह का कोई सवाल हो, तो निचे Comment कर जरुर बताएं. अगर आप इसी तरह के और Technical Blogs in Hindi पढना चाहते हैं, तो आप हमें follow कर सकते हैं.
अभी के लिए इतना ही, जल्द ही मिलेंगे किसी नए topic के साथ. Keep Reading… Keep Growing…
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